अन्य
    Thursday, April 25, 2024
    अन्य

      चिन्हित बालू माफियाओं पर कार्रवाई से क्यों कतरा रहा है नालंदा पुलिस-प्रशासन

      बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा के डीएम ने विगत 12 जून को विहारशरीफ हरदेव भवन की बैठक में साफ तौर पर कहा था कि जिस अंचल और थाना क्षेत्र से बालू की अवैध खनन होगी और उससे तटबंध का नुकसान होगा, वहां के थानेदार अंचलाधिकारी दोषी होंगे और उन पर एफआईआर  दर्ज किया जाएगा। लेकिन उनकी कथनी और करनी में आसमान-पाताल का फर्क है। बीच में धरातल कहीं नहीं दिख रहा।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के तिउरी गांव में गोइठा नदी के किनारे आम गैरमजरूआ जमीन पर बालू माफियाओं द्वारा पिछले वर्ष 2017 के अगस्त-सितंबर से ही अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है।

      मानपुर थाना को सूचना देने बाद थानेदार का जवाब आता है कि संबंधित ईलाका उसके थाना क्षेत्र में नहीं है, जबकि यह थाना क्षेत्र की सीमा क्षेत्र यहीं से प्रारंभ होता है और अवैध वसूली के आरोप भी मानपुर थाना पुलिस पर ही लगती आ रही है।

      nalanda balu mafiya

      बता दें कि तिउरी गांव में जारी अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने 23 अक्टूबर 2017 को बिहार शरीफ अंचलाधिकारी से लिखित शिकायत की। इस पर अंचलाधिकारी ने 4 महीने के बाद इस अवैध खनन में संलिप्त 6 लोगों को चिन्हित कर थाना संख्या- 106  की आम गैरमजरूआ की कुल रकबा 10 एकड़ 77 डिसमिल जमीन पर अवैध बालू खनन-बिक्री की पुष्टि की।

      उसके बाद बालू माफियाओं के विरुद्द यथोचित कार्रवाई हेतु जिला खनन कार्यालय को रिपोर्ट भेजी। इस पर खनन कार्यालय द्वारा कहा गया कि राजस्व की हानि अंचल को हुई है तो कार्रवाई भी उसी अधिकार क्षेत्र में है।

      इसके जिला खनन कार्यालय दवारा करीब 4 माह बाद चिन्हित खनन माफियाओं के विरुद्ध विगत 26 जून को कार्रवाई करने की रिमाइंडर रिपोर्ट बिहार शरीफ अंचलाधिकारी कार्यालय को भेजा गया।

      लेकिन बिहार शरीफ अंचलाधिकारी द्वारा मानपुर थाना में चिन्हित खनन माफियाओं के विरुद्ध अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया। राजस्व वसूलने की बात तो दूर की कौड़ी है।

      इधर, विगत 2 जुलाई को बिहारशरीफ अंचलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि तिउरी गांव के चिन्हित बालू माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने हेतु मानपुर थाना को लिखित शिकायत भेज दी गई है।

      उधर मानपुर थाना प्रभारी अमरेश कुमार सिंह ने 5 जुलाई की शाम बताया कि उन्हें इस संबंध में कहीं से कोई लिखित आवेदन-शिकायत नहीं मिला है।

       सबाल उठता है कि झूठ कौन बोल रहा है? अंचलाधिकारी या थाना प्रभारी। आखिर चर्चित तिउरी गांव में हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर विगत एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। जबकि इसकी खबर सबको है। डीएम-एसपी भी इससे अछूते नहीं हैं।

      देखिये एक तरफ कार्रवाई की प्रक्रिया और दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में कैसे हो रहा है माफियाओं द्वारा बालू का अवैध खनन…..

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!