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    Saturday, April 20, 2024
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      चमकी बुखार का खौफ से पलायन को मजबूर हुए पीड़ित परिजन

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ब्यूरो)। मुजफ्फरपुर में फैले चमकी बुखार का कहर इतना बढ़ा हुआ है कि अब लोगों में इस बुखार को लेकर खौफ समा गया है।

      अब तक मुजफ्फरपुर में एईएस या कहें चमकी बुखार से मृत बच्चों की संख्या 140से पार कर चुकी है। जबकि सैकड़ों बच्चे अभी भी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती है। मुजफ्फरपुर के मुशहरी और काटी में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है।

      FAIL BIHAR HELTH SYSTEM 1कहने को तो  मुजफ्फरपुर में एईएस का कहर बरपा हुआ है।लेकिन पड़ोसी जिला वैशाली में भी इसका खौफ देखा जा रहा है।

      इस बुखार का खौफ इतना फैल गया है कि ग्रामीण अपने बच्चों की सलामती के लिए गाँव से पलायन कर रहे हैं।

      बच्चों के माता -पिता इतने खौफजदा है कि उन्हें लगता है कि उनके बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आकर काल के गाल में समा सकते है।

      वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड के हरवंशपुर गाँव में लोगों के बीच  चमकी बुखार का इतना डर बन गया है कि लोग गाँव से पलायन कर रहे हैं। इस गाँव में अब तक चमकी बुखार की चपेट में आने से आधा दर्जन बच्चों की मौत हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से इस बीमारी की सुध लेने अब तक कोई गाँव नहीं पहुँचा है।

      हरवंशपुर गाँव के चतुरी सहनी के दो बच्चे बीमार इस बुखार से बीमार हुए। पहले बड़ा बेटा बीमार हुआ फिर छोटा। बाद में दोनों ने दम तोड़ दिया। ऐसी ही बिडम्बना चतुरी सहनी के पड़ोसी राजेश सहनी की भी है।

      उनकी सात वर्ष की बेटी भी बुखार से पीड़ित हुई, जहाँ उसे मुजफ्फरपुर में भर्ती कराया गया, लेकिन उसका जीवन बचाया नहीं जा सका।

      2 4हरवंशपुर में एक-एक कर छह बच्चों की मौत से गाँव में मातम पसरा हुआ है।लोगों में डर और दहशत पैदा हो गई है। लोग अपने परिवार वालों को दूसरे गाँव में भेज रहे हैं,ताकि उनके बच्चे इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें।

      कुछ लोगों के पास मजबूरी है,उनके पास इतने साधन नहीं है कि रोजी रोटी छोड़कर गाँव से पलायन कर सकें।

      वैशाली जिले में अब तक चमकी बुखार से 17 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि कई ऐसे बच्चे भी जो इस बीमारी की वजह से मर गए, लेकिन गाँव वाले को इस बीमारी की जानकारी नहीं है।

      हरवंशपुर गाँव वालों को भी इस बुखार की जानकारी पहले से नहीं थी। जब मुजफ्फरपुर के बाद उनके जिले में यह बीमारी फैली तो गाँव की आंगनबाडी की सेविका के द्वारा इस बीमारी की जानकारी मिली।

      फिलहाल गाँव वाले चमकी बुखार को लेकर दहशत में जी रहे हैं ।अपने बच्चे के शरीर गर्म होते ही वे एक अंजान भय से कांप उठते हैं। आखिर हरवंशपुर वाले अपने ‘वंश’ को लेकर कब तक खौफजदा बनें रहेंगे।

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