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    Thursday, April 25, 2024
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      ….और इंसाफ इंडिया के अकरम ने एक मां को यूं सौंपा रतन, बोले- सबको शुक्रिया

      pp” श्रीपुर एस आई मोलॉय दास, जमुरिया पुलिस अधिकारी, सीपीभीएफ, नालंदा जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह न्यायकर्ता मानवेन्द्र मिश्रा, बालसा के रजिस्ट्रार कृष्ण गोपाल सर, पत्रकार मुकेश भारतीय,  सामजिक कार्यकर्ता राकेश गुप्ता समेत इंसाफ इंडिया के सभी साथियों का दिल की गहराईयों से धन्यवाद। आपके मेहनत-सहयोग से आज यह नेक कार्य कर पाया…… आपका, वसीम अकरम खान, राष्ट्रीय महासचिव, इंसाफ इंडिया ……..”

      एक्सपर्ट मीडीया न्यूज डेस्क। खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे के बता तेरी रज़ा क्या है…वेशक हैसला बुलंद और ईरादे नेक हों तो रास्ता मिल ही जाती है। हां, यह दीगर बात है कि शुरुआती थोड़ी परेशानी आती है, लेकिन उन्हीं झंझावतों में मूल कामयाबी भी छुपी होती है।insaf india ratan akram 3

      पश्चिम बंगाल प्रांत के आसनसोल निवासी मो. अकरम वसीम खान ने आज प्रकृति महापर्व छठ के मौके पर उस मां के आंचल को फिर से खुशियों के दामन से भर दिया था, जो हताश और निराश हो चुकी थी। वह उम्मीद खो चुकी थी कि कभी 11 माह पूर्व उसका लाल मिलेगा भी।

      आज अहले सुबह रतन कुमार को उनकी मां अंजलि देवी और बहनोई राम बाबू आसनसोल पहुंचे और श्रीपुर ईसी में आवश्यक कागजी करवाई होने के बाद इंसाफ इंडिया ने उनके हवाले सौंप दिया गया। वे दोनों रतन को लेकर अकाल तख्त एक्सप्रेस से पटना रवाना हो गए हैं।

      दरअसल, महासचिव वसीम अकरम खान का पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिला में इंसाफ़ इंडिया नामक एक निबंधित न्यास है। विगत 26 अक्टूबर, 2019 को दिन 3 बजे वे और न्यास के अध्यक्ष मुस्तकीम सिद्दीकी बाइक से अपने कार्यालय से आसनसोल एक बैठक में जा रहे थे। insaf india ratan akram 1

      इसी बीच उन्हें न्यास कार्यालय से लगभग आधा किलोमीटर दूर एक विक्षिप्त किशोर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर दिल्ली रोड पर मिला।  इंसाफ इंडिया से जुड़े लोग भूखे, गरीब को संस्था की ओर से खाना कपड़ा देते रहते हैं। ख़ास कर जो  जरुरतमन्द लगते हैं, उसे पूछकर ज्यादा सहयोग करने की कोशिश करते हैं।  

      यही सोचकर कि विक्षिप्त युवक शायद भुखा हो, इसलिए उन्होंने बाइक रोककर उसे खाना खाने के लिए पूछना चाहा तो वह भागने लगा। वह काफी डरा हुआ लग रहा था।

      तब अकरम-सिद्दीकी साहब ने  विक्षिप्त को रोककर खाने का इशारा किया तो वह तैयार हो गया। फिर दोनों ने उसे नजदीक के ढ़ाबा में खाना खिलाया। खाने से पहले वह काफी डरा हुआ था। खाने के बाद उसके चेहरे में बदलाव आया। वह मुस्कुराते हुए जाने लगा।

      इसके बाद जब उससे उसके परिवार के बारे जानना चाही तो मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण एक घंटे से ज्यादा समय तक वह एक शब्द भी नही बोला।  लगभग दो घंटे बाद इंसाफ इंडिया के सदस्यों द्वारा प्रेम-प्रयास के बाद उसे सिर्फ कुछ ही बातें याद आयी।insaf india ratan akram 4

      उसने अपने पिता का नाम भोला राम, माँ का नाम अंजनी देवी, भाई का नाम छोटू राम, पिता का टेलीफोन एक्सचेंज में नौकरी, थाना पटना कोतवाली, घर जीपीओ पटना के पास गोलम्बर और मोहल्ला हार्डिंग पार्क बताया था। यह पूरी बातें वसीम खान ने सोशल मीडिया पर शेयर कर आम लोगो से अपील किया कि उसके घर तक पहुंचाने में लोग मदद करें।

      उसी दिन पटना कोतवाली थाना में भी एसएचओ से बात कर इसका फोटो और सभी प्राप्त जानकारियाँ उनके मोबाइल पर व्हाट्सअप किया। उसके बाद में फोन करने पर एसएचओ ने बताया कि यह पागल है। उसे उसी जगह छोड़ दो।

      यहां पर बता दें कि रतन कुमार की मां ने जब गायब होने के बाद अपने बेटे को ढूंढ नहीं पाई तो उन्होंने उसकी लिखित शिकायत कोतवाली थाना से की थी। लेकिन तब भी वहां के थानेदार ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत-सनहा तक दर्ज नहीं की।

      मां अंजली रुंआसा हो आगे कहती है,  खुद अपने रतन को खूब ढूंढी।सब कहने लगे कि अब तेरा बेटा कभी वापस नहीं आएगा।भूल जाओ। लेकिन मुझे विश्वास था कि वह एक दिन जरुर मिलेगा। अकरम जैसे बेटों ने उस विश्वास को सच कर दिखाया। ईश्वर उसे खूब तरक्की दे।insaf india11

      पश्चिम बर्दवान जिला अंतर्गत जामुड़िया थाना के श्रीपुर आईसी के अधिकारीयों को भी सूचित कर दिया था।  श्रीपुर आईसी में रात के समय रतन कुमार राम के ठहरने की व्यस्था कुशल रूप में किया गया।

      रतन कुमार राम के बताये अनुसार इंसाफ इंडिया की टीम ने वोटर लिस्ट में वार्ड संख्या 28 से “रतन कुमार पिता भोला राम, भाई छोटू राम, माँ अंजनी देवी। वार्ड नम्बर 28, पॉलिंग बूथ : न्यू कैपिटल सर्किल, पीएमसी कार्यालय, हार्डिंग रोड (पूर्वी भाग)” जानकारी इकट्ठा किया।

      इसके बाद भी वसीम अकरम खान और उनकी इंसाफ इंडिया की टीम के सामने रतन को सकुशल उसके घर तक पहुंचाने की चुनौती बरकरार थी।

      उसके बाद सोशल साइट का सहारा लिया गया। नालंदा जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा जी के फेसबुक वाल पर इंसाफ इंडिया की टीम की नजर गई। जिनके वाल पर सजी मानवता की तस्वीरें-सूचनाओं ने एक नई रौशनी दी।

      बकौल वसीम अकरम, अब उनकी टीम को विश्वास हो गया कि यह नेक ‘बंदा’ जरुर मदद करेगा। और हुआ भी ठीक वैसा ही। मानवेद्र जी ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के उच्च पदाधिकारियों को सूचित किया। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के रजिस्ट्रार कृष्ण गोपाल और वसीम अकरम खान के बीच वार्ता कराई।

      इसके बाद रत्न कुमार राम को उसके परिवार से मिलाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने सुनिश्चित कर ली और हम तमाम झंझावतों के बीच अपने मकसद में कामयाब रहे।insaf india ratan akram

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