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    Saturday, April 20, 2024
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      एमडीएम मृत मेढक मामले में हेडमास्टर ससपेंड, रसोइया व दो टीचर पर भी गाज

      बिहारशरीफ/न्यूज डेस्क।  उत्क्रमितमध्य विद्यालय जलालपुर चंडी के मध्याह्न भोजन में मेंढक पाए जाने के मामले में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को 10 दिनों के अंदर रसोइया को हटाने का निर्देश दिया गया है।

      nalanda education cruption बिना सूचना के विद्यालय से चले गए शिक्षक धर्मेंद्र कुमार और मंटू कुमार कुणाल के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देते हुए अनुशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। भोजन की आपूर्ति करने वाले एनजीओ की भूमिका की भी जांच होगी। इसके लिए डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है।

      nalanda education cruption15 मई, 2017 को मध्याह्न भोजन में मरा हुआ मेंढक मिलने की घटना की सूचना मिलने पर डीएम के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच दल के रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। जांच दल में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, शिक्षा, बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन शामिल थे।

      उनके ज्वाइंट रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया इस मामले में एनजीओ द्वारा आपूर्ति भोजन में मरा मेंढक खाना बनाने पर गिरने की आशंका से इनकार किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन वायलर में तैयार होता है और केन में पैक कर गर्म स्थिति में ही विद्यालय को दिया जाता है। इस स्थिति में मेंढक रहने पर उसका सभी अंग भोजन में मिल जाएगा।

      उन्होंने बयान का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानाध्यापक, शिक्षक और रसोईया के बयान से स्पष्ट होता है कि खाने में मृत मेंढक विद्यालय परिसर में ही गिरा है और इसके लिए प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानाध्यापक जिम्मेवार हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रधानाध्यापक, रसोईया और बिना सूचना के गायब दो शिक्षकों को दोषी पाया गया है। जांच दल ने कहा है कि यह गंभीर और विद्यालय के बच्चों के जीवन का प्रश्न है।

      खानाआपूर्ति करने वाली एनजीओ की भूमिका को भी संदेहास्पद मानते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। पूर्व में भी चंडी प्रखंड में इस तरह की घटना को देखते हुए यह संदेह जताया जा रहा है। जांच दल को एनजीओ द्वारा भोजन बनाने के स्थल की जांच, भोजन बनाने की प्रक्रिया की जांच कर तीन दिनों के अंदर ज्वाइंट रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है ताकि एनजीओ की भूमिका स्पष्ट हो सके। जांच दल में एसडीओ हिलसा, भूमि सुधार उप समाहर्ता हिलसा और वरीय उप समाहर्ता राम बाबू को शामिल किया गया है।

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