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    Thursday, March 28, 2024
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      एक लीडर में चरित्र, समर्पण, आचरण और क्षमता का जरूरी है होनाः उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

      एक लीडर में, नेतृत्व करने वाले में चरित्र, समर्पण, आचरण और क्षमता का होना बेहद जरूरी है। तभी नेतृत्व करने वाला अपनी जिम्मेदारियों के साथ सकारात्मक परिणाम समाज और देश को दे सकता है। लीडर का यह मतलब नहीं कि वह राजनीति से ही जुड़ा है। लीडर किसी भी क्षेत्र का में हो सकता है। एक लीडर में जाति, समुदाय, नकदी और आपराधिकता नहीं होना चाहिए। वे इनसब चीजों को बढ़ावा देकर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश करते हैं…..”

      रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। उक्त बातें उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को भारतीय प्रबंध संस्थान,रांची द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर फॉर लीडरशिप, पॉलिसी एंड गवर्नेंस के तहत नेतृत्व क्षमता और सुशासन विषय पर आईआईएम के छात्रों को संबोधित करते हुए कही।

      उपराष्ट्रपति ने कहा कि कौटिल्य ने कहा था शासन करने वाला जिम्मेदार होगा तो सुशासन होगा। शासक को जनता का सेवक होना चाहिए। कानून का पालन हो, पारदर्शिता हो, जिम्मेदारी हो, प्रभावशाली व्यवस्था हो और भ्रष्टाचार न हो। तभी सुशासन परिलक्षित होगी।लोगों की सेवा के भाव का विस्तारीकरण भी अहम है।iam ranchi 2

      उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकास कार्यों में जनभागीदारी होना चाहिए। देश की जनता में यह विश्वास होना जरूरी है कि देश के विकास में वे योगदान कर रहें हैं। साथ ही देश की जनता को लोकतंत्र पर विश्वास रखना चाहिए। आप आपस में बात करें, किसी मुद्दे पर अपना मंतव्य दें। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।

      कानून का उल्लंघन और संविधान का अनुसरण नहीं करना अशांति लाता है, जो विकास में बाधक बनता है और मुझे लगता है। विकास के लिए शांति का होना पहली शर्त है।

      उपराष्ट्रपति ने युवाओं को इंगित कर कहा कि भारत विश्वगुरु था। पूरी दुनिया के लोग यहां ज्ञान अर्जित करने आते थे। यहां की आबो हवा अद्भुत है। आज भी है हर क्षेत्र में बेहतर कर रहें हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में हम आगे निकले हैं। देश के युवा बेहतर विजन, अपने स्वाभिमान के साथ आगे आएं और देश का मान ऊंचा करने में भागीदारी निभाएं। युवा समेत देश के सभी लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।

      राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज का दिन अविस्मरणीय रहेगा। आईआईएम द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। सुशासन बेहतर सरकार की पहचान है। सुशसान से निर्णय लेने की क्षमता, भ्रष्टाचार का खात्मा होता है। विकास दिखाई देता है।

      नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे आम लोगों का कल्याण हो सके। राष्ट्रपिता ने भी राम राज की कल्पना की थी। जहां सिर्फ सुशसान हो।

      उपराष्ट्रपति के आगमन पर आईआईएम के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन आईआईएम, रांची के गौरव मराठे ने दिया।

      इस अवसर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, आईआईएम, रांची के चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स प्रवीण शंकर पांड्या, आईआईएम, रांची के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह, गौरव मराठे एवं आईआईएम के छात्र समेत काफी संख्या में अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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