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    Friday, April 26, 2024
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      एकता शक्ति फाउंडेशन ने MDM को बनाया मजाक, बच्चों को यूं परोस रहा सड़ा-गला केला

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान हरनौत विधायक हरिनारायण सिंह के पैत्रिक गांव स्थित एकता शक्ति फाउंडेशन की करतूत  देखिए। नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल  अन्तर्गत चंडी, नगरनौसा तथा थरथरी प्रखंड के स्कूलों में इसी संस्था के किचेन से स्कूली बच्चों को मिड डे मिल की सप्लाई की जाती है।

      फिलहाल छात्रों को मौसमी फल के रुप में बच्चों को परोसी जा रहे सड़ी-गली केला को देख खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि छात्रों के स्वास्थ्य के साथ कैसे खिलवाड़ हो रहा है और नीचे से उपर के पदाधिकारी इस मामले में चिमाई साधे रहते हैं। शायद इसलिये कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले एक भी छात्र सरकारी शिक्षकों, कर्मचारियों, नेताओं, अफसरों आदि के नहीं होते ।mdm nalanda cruption

      पुष्ट खबर है कि जिले के तीन प्रखंडों के प्राथमिक व मध्य स्कूलों में मिड डे मिल सप्लाई करने वाली एनजीओ (एकता शक्ति फाउंडेशन) बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

      यहां छात्रों को दिए जाने वाले मौसमी फलों के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति किया जा रहा है। बच्चों को मध्यान भोजन में परोसा जाने वाले मौसमी फल के नाम पर सिर्फ केला, वह भी कुछ सड़ा-गला तो कुछ अधपका खिलाया जा रहा है।  

      गोपनीय रखने की शर्त पर दर्जनों स्कूल के प्रभारी शिक्षक ने बताया कि एनजीओ द्वारा खाना के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति किया जा रहा है। भोजन मानक के अनुरूप नही दिया जाता है। दाल ,सब्जी में सिर्फ़ पानी दिया जाता है। 50 बच्चों के सलाद में तीन प्याज, एक खीरा दिया जाता है।

      मौसमी फलों में गला-अधपका केला दिया जाता है। अंडा के नाम पर भी खाना पूर्ति होता है। 50 बच्चों के भोजन में 45 अंडा दिया जाता हैं।

      एक स्कूल के प्रभारी शिक्षक ने बताया कि स्कूल जांच करने गांव से आये जीविका के दीदियों ने भी भोजन खराब रहने की शिकायत अपने जांच रिपोर्ट में जिलाधिकारी को दिया। जीविका दीदी के रिपोर्ट पर मेरा वेतन भी बंद किया जा चुका है, जबकि मध्यान भोजन स्कूल में नही बनता है। मध्यान भोजन प्रखंड के रामघाट स्थित एनजीओ(एकता शक्ति फाउंडेशन) के किचेन में बनता है और वहीं से स्कूल पहुंचाया जाता है।

      उधर, मध्यान भोजन के नगरनौसा प्रखंड प्रभारी राकेश रंजन ने कहा कि मामले की जांच किया जाएगा। एनजीओ के मैनेजर को अच्छा फल देने को बोला जाएगा।

      बहरहाल, स्कूलों में मिड डे मिल सप्लाई करने वाली एनजीओ (एकता शक्ति फाउंडेशन) का किचेन पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान स्थानीय विधायक के गांव में उनकी ही पैत्रिक भूमि पर भवन से संचालित है और उसमें काम करने वाले प्रायः उन्हीं के चहेते हैं। इसलिये इस अनियमियता व धांधली की हर शिकायत नक्कारखाने की तूती साबित होती है। नीचे से उपर तक के अधिकारी सत्तारुढ़ दल से जुड़े प्रभावी नेता के आगे कभी कोई निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पाते।

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