“अमेरिकी कोर्ट ने कहा था कि मैथ्यूज झूठ बोल रहा है। दूध पीते समय दम घुटने से मौत नामुमकिन है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (दीपक विश्वकर्मा)। नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम की मासूम बच्ची सरस्वती की हत्या के मामले में अमेरिका की कोर्ट ने गोद लेने वाले दत्तक पिता वेस्ले मैथ्यूज को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दरअसल अमेरिका के हॉस्टन शहर में रह रहे केरल निवासी वेस्ले मैथ्यूज और उनकी पत्नी सीनी ने नालंदा के मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से 13 जुलाई 2016 को सरस्वती को गोद लिया था। और इस बच्ची को लेकर अमेरिका चले गए।
वेस्ले ने 7 अक्टूबर 2017 की रात को दूध नहीं पीने की वजह से सरस्वती को घर से निकाल दिया। 15 दिन बाद बच्ची का शव पुलिस ने एक पुलिया के नीचे से बरामद किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह जानलेवा हिंसा बताई गई थी ।
पुलिस हरकत में आयी और वेस्ले और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के सामने दिए गए गए बयान में उसने कहा था कि वह बच्ची को जबरन दूध पिला रहे थे, तभी उसकी दम घुटने से मौत हो गई। इसके बाद वह काफी डर गए और उसने बच्ची के शव को एक बैग में रखकर घर के पास पुलिया पर फेंक दिया था।
इस बयान पर कोर्ट ने कहा था कि मैथ्यूज झूठ बोल रहा है। दूध पीते समय दम घुटने से मौत नामुमकिन है।
सरस्वती का शव मिलने के बाद वेस्ले और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसकी पत्नी के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर रिहा कर दिया गया।
अनाथ आश्रम की सचिव बबीता कुमारी ने बताया कि लावारिश हालत में पड़ी सरस्वती को देढ वर्ष की उम्र में गया से उनके अनाथ आश्रम में लाया गया था। वह काफी चंचल थी और जल्दी ही अनाथ आश्रम के अन्य बच्चो के साथ घुलमिल गयी थी।
उन्होंने बताया कि वेस्ले मैथ्यूज को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही गोद दिया गया था। अमेरिका से डोजियर मंगवाए गए और पुलिस वेरिफिकेशन साथ साथ 23 प्रकार के डॉक्युमेंट प्रस्तुत करने के बाद ही सरस्वती को गोद दिया गया।
इस मामले में एक बड़ा खुलासा यह हुआ है वेस्ले मैथ्यूज को पहले से एक बेटी थी बाबजूद इसके उन्होंने एक अनाथ बच्ची को गोद लिया।
इसके पीछे इनकी महानता नहीं, बल्कि एक बड़ा स्वार्थ छुपा था। दरअसल ये सरस्वती को नौकरानी बना कर रखने के लिए गोद लेने का ड्रामा किया था।