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    Friday, April 19, 2024
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      आसान नहीं है कौशलेन्द्र की हैट्रिक, पूर्व विधायक ने बढ़ाई मुसीबत

      “जीत के ताल ठोक रहे इन दोनों गठबंधन के उमीदवारों के बीच तब बेचैनी बढ़ गयी, जब हिलसा के पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद ने लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने आगामी 26 अप्रैल को नामांकन का पर्चा दाखिल करने की बात कही…”

      हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा लोकसभा का चुनाव आखरी चरण में 19 मई को होना है। जिसके लिये नामंकन की प्रक्रिया आगामी 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक होनी है।

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      अभी तक क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन के उमीदवार के नाम के ही घोषणा हुई हैं। दोंनो गठबन्धनों के उमीदवार की घोषणा के बाद कोई हैट्रिक लगाने की बात कह रहे हैं तो कोई धूल चटाने की बात कह रहे हैं।

      उन्होंने शनिवार को प्रेस वार्ता में पत्रकारों से साफ कहा कि एनडीए उमीदवार को हैट्रिक लगाना इतना आसान नही होगा हर वर्ग का हमे पुरजोर समर्थन मिलने जा रहा हैं।

      बीते 4 अप्रैल को बेन प्रखण्ड के देवरिया हाईस्कूल में आयोजित ग्यारह दिवसीय महायज्ञ में हिलसा के पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद शिरकत होकर यज्ञ में दूर दराज से आये साधु संतों के आशीर्वाद लेकर एव जनता के विस्वास के ऊपर उन्होंने इस बार चुनाव लड़ने की घोषणा की तथा यज्ञ में जुटे भीड़ ने भी खूब हामी भरी। घोषणा के बाद उमीदवारी के लिये नामंकन कराने की तैयारी में जुट गए है।

      पूर्व विधायक रामचरित प्रसाद ने अपनी पुरानी बातों को ताजा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार हमे क्या कितने लोगों को पीठ में छुरा भोंकने का काम किया है।

      उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में जब हिलसा विधानसभा से जदयू के खिलाफ निर्दलीय प्रतियाशी के तौर पर चुनाव में खड़े हुए थे तो नीतीश कुमार ने पार्टी को समर्थन करने का आग्रह किया था। तब उन्होंने उनकी बात मान ली और चुनावी मैदान से हट गए

      इसके जब पार्टी के उम्मीदवार जीत गए तो हमे लॉलीपॉप की तरह पांच महीने के लिये बिहार राज्य नागरिक परिषद के उपाध्यक्ष बनाया गया और फिर हटा दिया गया।

      उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा ठगने और छलने की काम करते आये है। उसके बाद से स्वतंत्र रूप से जनता की सेवा में जुट गए।

      उन्होंने कहा कि दस वर्षों से लगातार एक वर्ग के व्यक्ति को टिकट देकर उमीदवार बनाया जा रहा है, जिससे नालंदा के अन्य वर्गों में साफ तौर पर नाराजगी देखी जा रहा है। इस बार हैट्रिक लगाने की मंशा को जनता नकार देगी।

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