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    Wednesday, April 24, 2024
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       अतिक्रमण हटाने में भेदभाव, प्रशासन के समक्ष सामूहिक आत्मदाह करेगें दर्जनों महादलित

      ” सबों ने एक सुर में कहा कि जाली कागज और रसीद के बल पर धोखा दिया जा रहा है।  इस अमानवीय खेल में जिम्मेवार पदाधिकारियों की संलिप्ता भी स्पष्ट तौर पर शामिल है।”

      rajgir news 1नालंदा (न्यूज ब्यूरो)। प्रमंडलीय आयुक्त सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आनंद किशोर द्वारा 17-18 जुलाई को राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण आदेश  के बाद हटाए गए अतिक्रमण में भेदभाव का आरोप लगा दर्जनों महादलित परिवार ने प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी करते हुये सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी है।

      प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे लोग वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर सैरात की भूमि पर रह रहे थे। उनकी झुग्गी झोपड़ी तो हटा दिया गया, लेकिन बड़े-बड़े होटल, धर्मशाला, मकान और बाउंड्री बाल को टच नहीं किया गया।

      उन लोगों का साफ कहना है कि यहां पुलिस-प्रशासन ने कानून का इस्तेमाल गरीब और अमीर के लिए अलग-अलग किया गया।

      प्रदर्शनकारियों में शामिल भूषणडोम, सुनील मांझी, नागेन्द्र चौधरी, रामलखन मांझी, कुंदन चौधरी, अमर डोम, देवा डोम, अजय डोम, चांदो मांझी, पप्पू कुमार, राजो चौधरी, रोहन देवी, राधा देवी, लीला देवी, पूनम देवी, सोनी देवी, पिंकी देवी, मारो देवी, सोनी देवी, उषा देवी, कालो देवी, ज्योति देवी, ललिता देवी, फुलमतिया देवी, बबीता देवी, पालो देवी, शीला देवी, मनोरमा देवी, सुनैना देवी आदि ने कहा कि वे लोग झोपड़ी बनाकर जीवन-यापन कर रहे थे। उसे नष्ट कर दिया गया है। बारिश के मौसम में भी खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं। सैरात की भूमि पर ही अभी बड़े लोगों का कब्जा बना हुआ है। बहुत सारे जगहों पर घेराबंदी कर जमीन को कब्जा किया हुआ है। जिसे छुआ तक नहीं गया है।

      इन लोगों ने कहा कि अगर बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अनुमंडल कार्यालय के समक्ष सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

      सबों ने एक सुर में कहा कि जाली कागज और रसीद के बल पर धोखा दिया जा रहा है।  इस अमानवीय खेल में जिम्मेवार पदाधिकारियों की संलिप्ता भी स्पष्ट तौर पर शामिल है।

      हालांकि राजगीर के सीओ सतीश कुमार कहते हैं कि जो सरकारी प्रक्रिया है, उसी के अनुसार काम किया गया है। किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं हुआ है। जिन छह लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी है उनकी जमीन भी मेला सैरात की ही है लेकिन न्यायालय से स्टे ले लिए जाने के कारण कार्रवाई रोकनी पड़ी। जैसे ही न्यायालय का आदेश प्राप्त होगा इन लोगों से भी मेला सैरात की भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। किसी भी हाल में कोई भी अतिक्रमणकारी नहीं बचेंगे।

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