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    Saturday, April 20, 2024
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      सीएम के संज्ञान के बाद बीरबांस पहुंचे विभागीय अफसर,एक्सपर्ट मीडिया ने किया था यह खुलासा

      “उद्योग विभाग के अधिकारियों ने पूरे मामले की रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपे जाने की बात कही है। अब देखना है कि कितने दिनों में ये रिपोर्ट तैयार होती है और कब तक इन गरीब किसानों को न्याय मिलता है…..?”

      सरायकेला (संतोष कुमार)। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की खबर का असर सरायकेला जिला में एक बार फिर से देखने को मिल रहा है, जहां बीरबांस गांव के गरीब किसानों का जमीन भू माफियाओं द्वारा हड़पने और उसमें गलत तरीके से उद्योग लगाने के मामले की पड़ताल करने आज जिला उद्योग विभाग के अधिकारी पहुंचे।sarikela news

      गौरतलब है कि सबसे पहले इस मामले का खुलासा एक्सपर्ट मीडिया ने किया था। जिसके बाद स्थानीय विधायक बीरबांस गांव पहुंचे थे।

      उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों को उचित फोरम पर रखेंगे।

      इधर मामला मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र तक पहुंचा। जिसके बाद आज जिला उद्योग विभाग के अधिकारी बीरबांस गांव पहुंचे और ग्रामीणों से पूरे मामले की पूछताछ की।

      हालांकि अधिकारियों ने फर्जी इंड्रस्ट्रीयल पार्क और कंपनी प्रबंधन से भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन न तो फर्जी इंड्रस्ट्रीयल पार्क वाले और न ही कंपनी प्रबंधन की ओर से वार्ता के लिए कोई भी कर्मचारी सामने आया।

      वैसे उद्योग विभाग के अधिकारियों ने पूरे मामले की रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपे जाने की बात कही है। वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि कितने दिनों में ये रिपोर्ट तैयार होती है। और कब तक इन गरीब किसानों को न्याय मिलता है।

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      बता दें कि सरायकेला-खरसावां खरसावां जिला के बीरबांस गांव के किसानों का इंफिनिटी इंडस्ट्रियल पाक के नाम से कुछ भू माफियाओं ने लगभग 50 एकड़ से भी अधिक जमीन यह कह कर लिया कि उक्त जमीन पर उद्योग लगाया जाएगा और सभी जमीन दाताओं को मुआवजा के अलावा कंपनी में काम भी दिया जाएगा।

      लेकिन कंपनी बनी जरूर मगर उसमें इन गरीब किसानों को यह कह कर रोजगार नहीं दिया जा रहा, कि जिसे जमीन दिया गया है उससे ही रोजगार की मांग करें।

      यहां ये बताना जरूरी है कि इनफिटी इंडस्ट्रियल पार्क ने किसानों की जमीन ब्रिक्स इंडिया, श्याम इंडस्ट्रीज, मल्टीटेक ऑटो लिमिटेड, श्री उन्नत आदि कंपनियों को मोटी रकम लेकर बेच दिया। जिससे ग्रामीण ना घर के रहे  ना घाट के।

      वहीं भू माफियाओं द्वारा फर्जी पार्क की आड़ में सरकारी जमीन को भी बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है।

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