अन्य
    Thursday, March 28, 2024
    अन्य

      शुक्रिया अकरम-ए-इंसाफ इंडिया, तेरी यह लौ भारत की ज्वाला बने…?

      मुकेश भारतीय, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क

      सर, आपका नाम बहुत सुना है। लोगों के लिए बहुत कुछ करते हैं। खास कर  जिनका कोई सहारा नहीं होता है। बीते 3 दिनों से मेरी संस्था इंसाफ इंडिया के साथी हर जगह ढूंढ रहे हैं। पटना जीपीओ गोलंबर, हार्डिंग पार्क का रहने वाला है। काफी पूछ ताछ के बाद उसने अपना नाम रतन कुमार, पिता भोला राम, माता अंजलि देवी बताया है। हम वहां के कोतवाली थाना में खबर दिया। बहुत समय बाद उन्होंने कहा- पागल है। इधर का ही है। मांग के खाता है। उसको छोड़ दीजिए। मगर हम लोग इस तरह ऐसे ही कैसे छोड़ दें। फिर वह भटक कर न जाने कहां चला जाए और वह अपने घर से दूर होता चला जाए।  हमने अपने अनुसार उनका वोटर डिटेल निकाला है आपसे निवेदन है के इसमें हमारी मदद करें.………………”

      वेशक यह निवेदन नालंदा जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी जज मानवेद्र मिश्रा के लिए एक चुनौती थी। जो उन्हें सोशल माध्यम के जरिए मिली थी। यह जानकारी देने वाले थे इंसाफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव वसीम अकरम खान। अकरम ने जज मानवेद्र जी को फेसबुक पर उनके प्रेरक पोस्ट के जरिए ढूंढ निकाला था।

      insaf india11मानवता को मूल धर्म समझने वाले अकरम खान ने परसों जज मानवेन्द्र जी को लेकर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज द्वारा प्रसारित खबरें पढ़ी थी। उस आलोक में भी उन्होंने बिहार के पटना और नालंदा जिले के कई लोगों से संपर्क कर मोबाइल नबंर हासिल किया और अनुरोध किया, जब उसे कहीं से कोई सहयोग अश्वासन नहीं मिल रहा था।

      जज मिश्रा जी ने भी मामले को गंभीरता से लिया और अपनी संवेदना-स्वभाव के अनुरुप मदद की और इंसाफ इंडिया की टीम को मंजिल मिल गई।

      दरअसल, महासचिव वसीम अकरम खान का पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिला में इंसाफ़ इंडिया नामक एक निबंधित न्यास है।  विगत 26 अक्टूबर, 2019 को दिन 3 बजे वे और न्यास के अध्यक्ष मुस्तकीम सिद्दीकी बाइक से अपने कार्यालय से आसनसोल एक बैठक में जा रहा था।  

      इसी बीच उनके न्यास कार्यालय से लगभग आधा किलोमीटर दूर एक पागल के रूप में “रतन कुमार राम” राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर दिल्ली रोड पर जा रहा था।  इंसाफ इंडिया से जुड़े लोग भूखे, गरीब को संस्था की ओर से खाना कपड़ा देते रहते हैं।

      ख़ास कर जो  जरुरतमन्द लगते हैं, उसे पूछकर ज्यादा सहयोग करने की कोशिश करते हैं।  यही सोचकर की पागल व्यक्ति शायद भुखा हो, इसलिए उन्होंने बाइक रोककर उसे खाना खाने के लिए पूछना चाहा तो वह भागने लगा। वह काफी डरा हुआ लग रहा था।

      तब अकरम-सिद्दीकी साहब ने  पागल को रोककर खाने का इशारा किया तो वह तैयार हो गया। फिर दोनों ने उसे नजदीक के ढ़ाबा में खाना खिलाया।  खाने से पहले वह काफी डरा हुआ था। खाने के बाद उसके चेहरे में बदलाव आया। वह मुस्कुराते हुए जाने लगा।

      insaf india2

      इसके बाद जब उससे उसके परिवार के बारे जानना चाही तो मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण एक घंटे से ज्यादा समय तक वह एक शब्द भी नही बोला।  लगभग दो घंटे बाद इंसाफ इंडिया के सदस्यों द्वारा प्रेम-प्रयास के बाद उसे सिर्फ कुछ ही बातें याद आयी।

      उसने अपने पिता का नाम भोला राम, माँ का नाम अंजनी देवी, भाई का नाम छोटू राम, पिता का टेलीफोन एक्सचेंज में नौकरी, थाना पटना कोतवाली, घर जीपीओ पटना के पास गोलम्बर और मोहल्ला हार्डिंग पार्क बताया था।

      यह पूरी बातें हमने सोशल मीडिया पर शेयर कर आम लोगो से अपील किया कि उसके घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए। लेकिन अभी तक उस परिवार से संपर्क नहीं हो पाया।

      उसी दिन पटना कोतवाली थाना में भी एसएचओ से बात कर इसका फोटो और सभी प्राप्त जानकारियाँ उनके मोबाइल पर व्हाट्सअप किया। उसके बाद में फोन करने पर एसएचओ ने बताया कि यह पागल है। उसे उसी जगह छोड़ दो।

      insaf india 22पश्चिम बर्दवान जिला अंतर्गत जामुड़िया थाना के श्रीपुर आईसी के अधिकारीयों को भी सूचित कर दिया था।  श्रीपुर आईसी में रात के समय रतन कुमार राम के ठहरने की व्यस्था कुशल रूप में किया गया।

      रतन कुमार राम के बताये अनुसार इंसाफ इंडिया की टीम ने वोटर लिस्ट में वार्ड संख्या 28 से “रतन कुमार पिता भोला राम, भाई छोटू राम, माँ अंजनी देवी। वार्ड नम्बर 28, पॉलिंग बूथ : न्यू कैपिटल सर्किल, पीएमसी कार्यालय, हार्डिंग रोड (पूर्वी भाग)” जानकारी इकट्ठा किया।

      इसके बाद भी वसीम अकरम खान और उनकी इंसाफ इंडिया की टीम के सामने रतन को सकुशल उसके घर तक पहुंचाने की चुनौती बरकरार थी।

      उसके बाद सोशल साइट का सहारा लिया गया। नालंदा जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा जी के फेसबुक वाल पर इंसाफ इंडिया की टीम की नजर गई। जिनके वाल पर सजी मानवता की तस्वीरें-सूचनाओं ने एक नई रौशनी दी।

      बकौल वसीम अकरम, अब उनकी टीम को विश्वास हो गया कि यह नेक ‘बंदा’ जरुर मदद करेगा। और हुआ भी ठीक वैसा ही। मानवेद्र जी ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के उच्च पदाधिकारियों को सूचित किया। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के रजिस्ट्रार कृष्ण गोपाल और वसीम अकरम खान के बीच वार्ता कराई।

      वसीम आगे बताते हैं कि इसके बाद रत्न कुमार राम को उसके परिवार से मिलाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने सुनिश्चित कर ली और हम तमाम झंझावतों के बीच अपने मकसद में कामयाब रहे।

      वेशक, जज मानवेन्द्र जी तो एक स्वभाविक जरिया बने। लेकिन वसीम अकरम खान और उनकी इंसाफ इंडिया की टीम ने इंसानियत की जो ‘लौ’ लेकर चलें हैं, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क उन्हें सलाम करते हुए ‘ज्वाला’ बनने की दुआ करती है। ताकि हमारा मात्र धर्म हो- सिर्फ मानवता……….

      insaf india 2  

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!