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    Friday, April 26, 2024
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      शर्मीली परवीन ने उपमहापौर बन संभाली खानदानी विरासत

      इस बार बिहार शरीफ नगर निगम के इस शह मात के खेल में जिले के दिग्गज मंत्री श्रवण कुमार, आम लोगों के बीच अपनी जोरदार पकड़ रखने वाले इंजीनियर सुनील और रसूखदार नेता राजू यादव की तिकड़ी अपने मकसद में कामयाब रही.……”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (दीपक विश्वकर्मा)। बिहार शरीफ नगर निगम के उपमहापौर का चुनाव शहीद हरदेव भवन के सभागार में संपन्न हो गया।1 11

      जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में कराये गए इस चुनाव  में शर्मीली परवीन को 29 और पूर्व महापौर फूल कुमारी को 16 मत मिले। जबकि एक वार्ड पार्षद चुनाव में उपस्थित नहीं हो सके।

      चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बाद जिलाधिकारी ने शर्मीली परवीन को प्रमाण पत्र सौंपा। प्रमाण पत्र मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और लोग फूल मालाओं से नवनिर्वाचित उपमहापौर का स्वागत किया।

      शहमात के इस खेल में फिर एक बार सत्ताधारी दल पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील का सिक्का चला और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री और पूर्व विधान पार्षद की साख बच गई।3 6

      नगर निगम के इस सियासत में हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल किया गया।  बिहार शरीफ नगर निगम के पहले डिप्टी मेयर नदीम जफर उर्फ गुलरेज बने। उसके बाद इन्हें कुर्सी से बेदखल कर शंकर कुमार ने इस कुर्सी पर अपना कब्जा जमा लिया।

      बाद में इस कुर्सी के लिए नदीम जफर की भाभी गजाला परवीन और शंकर कुमार की पत्नी फूल कुमारी दोनों मैदान में उतरी और इस चुनाव में फूल कुमारी को 25 और गजाला परवीन को 21 वोट मिले। जिसके बाद फुलकुमारी ने इस कुर्सी पर जीत हासिल कर ली। 

      इस बार नदीम जफर की पत्नी शर्मीली परवीन इस चुनावी मैदान में शंकर कुमार की पत्नी फूल कुमारी के खिलाफ मैदाने जंग में उतरी और फ़तेह हासिल कर अपनी खानदानी विरासत पर कब्जा जमा लिया।

      बता दें कि नदीम जफ़र के पिता स्वर्गीय कमरुल हसन वर्ष 1972 से 1977 तक बिहार नगर पालिका के उपाध्यक्ष रहे। उसके बाद उनकी भाभी गजाला परवीन 202 से 207 तक उपाध्यक्ष बनीं। यानि नगर निगम कि इस कुर्सी पर इसी परिवार का कब्जा रहा और फिर इस बार शर्मीली परवीन ने कब्जा जमा लिया।

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