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    Saturday, April 20, 2024
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      विशेष न्यायधीश मानवेन्द्र मिश्र का बड़ा निर्देश- देह व्यापार की पीड़िता को यूं करें संरक्षित

      वेशक न्यायालय के ऐसे निर्देश असंख्य पीड़िताओं के लिए एक बड़ा मार्गदर्शन-संरक्षण के रुप में परिलक्षित हुई है……”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा के विशेष न्यायधीश अनैतिक देह व्यापार अधिनियम- मानवेन्द्र मिश्र ने बिहार थाना कांड संख्या-466/19 की पीड़िता के जीवकोपार्जन (पुर्नस्थापन) में हरसंभव मदद करने की दिशा में जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को स्पष्ट निर्देश दिया है। उन्होंने अपने निर्देश की प्रति जिला पदाधिकारी को भी प्रेषित की है।

      saty mev jayteश्री मिश्रा ने सहायक निदेशक को दिए निर्देश में लिखा है कि उक्त कांड की पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष यह बताया है कि उसकी मां लकवा ग्रस्त है तथा वह अपने सामान्य दिन चर्या के पालन करने में भी असमर्थ है एवं उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। इसी मजबूरी की वजह से पीड़िता को बहला-फुसलाकर कुछ लोगों ने देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया। पुलिस द्वारा मुक्त कराया गया।

      प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने आगे लिखा है कि पीड़िता की सहायता हेतु समाज कल्याण विभाग अथवा हेल्प लाईन कुछ राशि या योजना के माध्यम से मदद करे तथा पीड़िता के उपरोक्त बातों की सत्यता की जांच लें कि अगर उसकी मां लकवा ग्रस्त है तो उसे राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकलांग पेंशन योजना (सामाजिक सुरक्षा कोषांग) से समन्वय स्थापित कर मदद करें।  

      श्री मिश्र ने इस कांड की पीड़िता को कौशल विकास हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित करें। जैसे- सिलाई बुनाई प्रशिक्षण, ब्यूटीशियन कोर्स, कुटीर उद्योग मसलन पापड़ बनाना, आचार बनाना इत्यादि का प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें। ताकि पीड़िता अपने तथा अपने परिवार का जीविकोपार्जन सही ढंग से कर सके तथा वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ी रह सके और दुबारा इस तरह के किसी अनैतिक धंधे में लिप्त न हो सके।

       बीते दिनों बिहार थाना पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए पांच युवकों के साथ एक युवती को भी हिरासत में लिया था। इसके बाद पांचों युवक को जेल भेज दिया गया।

      वहीं पूछताछ के दौरान युवती ने कहानी वयां की, वह सामाजिक तौर पर काफी झकझोरने वाली रही। युवती ने संबंधित माननीय न्यायालय में भी जो बयान दिए, उसमें उसकी वैयक्तिक विवशता को गलत दिशा देने की पुष्टि हुई।

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