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    Wednesday, April 17, 2024
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      लोक आस्था के महापर्व पर पहली बार बनी बॉलीवुड फिल्म ‘जय छठी माँ’

      फिल्म ‘जय छठी माँ’ का निर्माण शाइनिंग स्क्रीन के बैनर तले हुआ है। सह निर्माता नीलेश हैं । जबकि संगीत दिया है नयन मणि ने। फिल्म में रवि किशन, प्रीति झिंगयानी के आलावा गुरलीन चोपड़ा, शीतल काले, निशा सिंह, राहुल जैन भी सशक्त भूमिकाओं में नजर आएंगे….”

      पटना (दीपक कुमार)। बॉलीवुड फिल्म ‘जय छठी माँ’ की रिलीज को लेकर होटल रिपब्लिक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। जहाँ मौके पर मौजूद थीं मोहबत्तें फेम अभिनेत्री प्रीति झिंगानिया, जो फिल्म में छठी माँ के किरदार में नजर आएँगी। साथ ही मौजूद थें फिल्म के निर्देशक मुरारी सिन्हा, निर्माता जोड़ी रजनी गूंज व रूचि गुप्ता।

      फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने जानकारी दी कि मुख्य भूमिका में भोजपुरी के सुपर स्टार रवि किशन नजर आएंगे। यूँ तो बॉलीवुड में अबतक कई धार्मिक विषयों पर फिल्म बनी है। मगर यह पहली बार है, जब लोक आस्था के महापर्व छठ पर कोई फिल्म बनी है। ‘जय छठी माँ’ 5 अप्रैल को देशभर में रिलीज हो रही है।jay chhatthi ma 2

      प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलो जिंदगी ने जब अभिनेत्री प्रीति झिंगयानी से पूछा कि “क्या पहले से आपको छठ पर्व के बारे में पता था…?” तो प्रीति झिंगयानी ने बताया कि “नहीं इससे पहले मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी छठ पर्व को लेकर लेकिन हाँ टीवी न्यूज देखकर थोड़ी बहुत जानकारी हो गयी थी कि छठ कब और कहाँ मनाया जाता है, किसकी पूजा कि जाती है। लेकिन जब फिल्म करने लगी और स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं बहुत कुछ जान पायी और फिल्म करते हुए छठी माँ के प्रति आस्था का भाव करीब से महसूस करने का मुझे मौका मिला।”

      जब उनसे बोलो जिंदगी ने पूछा कि “चूँकि फिल्म छठ पर्व पर बनी है तो यह फिल्म बिहार-यूपी में ही ज्यादा चलेगी? आपको क्या लगता है ?”  इसपर प्रीति ने कहा कि – “नहीं, मेरा मानना है कि छठ पर्व की जो महिमा है वो विश्व व्यापक है इसलिए मुझे लगता है ये फिल्म पूरे देश में सफल होगी।”

      वहीँ निर्देशक मुरारी सिन्हा से जब बोलो जिंदगी ने पूछा कि “यूपी-बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा को एक फिल्म के रूप में सबके बीच लाने का विचार आपके मन में कैसे आया…?”

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       इस पर फिल्म के निर्देशक ने कहा कि “मुझे बचपन से ही फिल्म बनाने का शौक था और दिल्ली में रहते हुए मैं जब एक बार छठ पर्व देखने घाट पर गया तो इस पर्व को बारीकी से जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों ये छठ पर्व किया जाता है।

      फिर घर में पूछ-ताछ के बाद पता चला कि मुख्यतः लोगों का यह मानना है कि जो निसंतान होते हैं उन्हें छठी माँ के प्रति यह आस्था होती है कि वो उनकी गोद भरती हैं। फिर पूजन की जो विधि और अन्य मान्यताएं हैं वो सब जानने के बाद मैंने यह निर्णय लिया कि मैं इस पूरे प्रकरण को फिल्म का रूप दूँ। ताकि इस महापर्व की जो महिमा है वो उन तक भी पहुंचे जो इसके महत्व को लेकर ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं।

      बोलो जिंदगी ने अगला सवाल किया कि “छठ पूजा में हमलोग पूजा सूर्य की करते हैं जो साक्षात दिखाई  देते हैं परन्तु जिनको हम छठी माँ कहते हैं उनका कोई भी रूप लोग नहीं देख पाते हैं तो आपने अपनी फिल्म में छठी माँ के उस रूप को कैसे तैयार किया?”

      निर्देशक ने बताया कि “इतनी बारीक़ जानकारी तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा क्यूंकि बड़ी लम्बी कहानी है कि छठी माँ किस रूप में और कैसे आती हैं।। उनको हम छठी माँ क्यों कहते हैं…लोगों को अच्छी तरह से समझाने के लिए हमने फिल्म को दो तरह से पेश किया है, एक सोशल और दूसरा मायथोलॉजिकल रूप में।”

      निर्माता रजनी गूंज व रूचि गुप्ता ने बताया कि “छठी माँ पर कोई फिल्म अबतक बॉलीवुड में नहीं देखने को मिली। इसलिए हमे लगा कि बिहार के इस पवित्र महापर्व को दुनिया के सामने लाना चाहिए। इसलिए हम ये फिल्म लेकर आये हैं जो बिहार के लोगों के साथ-साथ देशभर के लोगों की आस्था को इस पर्व से जोड़ेगी। इस फिल्म में बहुत ज्यादा स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल हुआ है।’

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