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    Thursday, April 25, 2024
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      बेलारी नहीं, बिहार का ‘इस्लामाबाद’! जहां पुलवामा हमला के मास्टरमाइंड की तलाश

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। करीब एक दशक पूर्व बेलारी गांव का नाम बदलकर गांव के लोगों ने इस्लामाबाद कर देने की साजिश रची थी। इसके लिए इस्लामाबाद का बोर्ड भी गांव में लगा दिया गया था। तब इस बात को लेकर काफी हो हंगामे के बाद पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बोर्ड को जबरन हटा दिया था।

      उस वक्त भी पुलिस को ग्रामीणों के काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। कई और अवसरों पर भी इस गांव के कुछ लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट खुफिया विभाग द्वारा पुलिस को दी गई। हालांकि उन रिपोर्टों का क्या हुआ, किसी को नहीं मालूम।

      banka belari atank 2बांका न्यूज लाइव पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार इस बीच ताजा खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड के बांका जिले में होने और आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के मुखिया मौलाना अजहर मसूद से उसके संपर्क होने की बात सामने आने पर पुलिस ने जिस मोहम्मद रेहान को हिरासत में लिया है।

      कहा जा रहा है कि उस की मेल आईडी से आतंकवादी संगठन को मेल भेजा गया था। हालांकि यह मेल आईडी वास्तव में रेहान का है अथवा उसके नाम पर यह कोई फर्जी आईडी है, जिसका संचालन अलगाववादी स्लीपर सेल के द्वारा किया जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है।

      बहरहाल, इस पूरे प्रकरण को लेकर आई खुफिया रिपोर्ट के बाद बिहार एवं झारखंड के सभी जिलों के एसपी एवं एवं डीएम को सतर्क कर दिया गया है। सभी सरकारी विभागों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

      रेलवे को खासतौर से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। दोनों राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। खुफिया विभाग की जानकारी के आधार पर राज्य के पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी व्यापक कार्रवाई शुरू कर चुके हैं।

      संदिग्ध इलाकों और व्यक्तियों पर खास नजर रखी जा रही है। संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापामारी भी की जा रही है। कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ का सिलसिला भी जारी है।

      बता दें कि बांका जिला अंतर्गत शंभूगंज थाना क्षेत्र का बेलारी गांव का एक हिस्सा पिछले कई दशकों से संदिग्ध अलगाववादी गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहा है। समय-समय पर खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत जिला एवं राज्य प्रशासन को आगाह भी किया है।

      खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस गांव में अलगाववादी एवं आतंकवादी संगठनों के स्लीपर सेल मौजूद रहे हैं और यही वजह है कि जब कभी खुफिया रिपोर्ट पर उनमें से किसी के विरुद्ध पुलिस ने कार्रवाई की तो पूरे गांव के लोगों ने हंगामा बरपा दिया। इस बार मोहम्मद रेहान को हिरासत में लिए जाने के बाद भी बेलारी के ग्रामीणों का बहुत कुछ यही रवैया सामने आया।

      ज्ञात हो कि पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों के तार बांका जिले से होने और और इस हमले के मास्टरमाइंड के बांका में होने की खुफिया रिपोर्ट के बाद जहां बिहार और झारखंड के एक बड़े इलाके में सनसनी फैल गयी।

      वहीं इस खुफिया रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए बांका पुलिस ने बेलारी गांव में छापा मारकर मोहम्मद रेहान नामक एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। पुलिस को हालांकि मोहम्मद नौशाद नाम के एक युवक की भी इसी मामले में तलाश थी, लेकिन वह फरार हो चुका था। उसकी भी खोज की जा रही है।

      खुफिया रिपोर्ट तो यहां तक है कि पुलवामा हमले के इसी मास्टरमाइंड के किसी ठिकाने पर 500 किलोग्राम आरडीएक्स छिपाकर रखा गया है।

      यही नहीं, इसके परिवार की एक बुजुर्ग महिला आत्मघाती बम बन चुकी है और वह किसी सघन और भीड़भाड़ वाले पब्लिक प्लेस में विस्फोट कर बड़ा विध्वंस करने की ताक में है। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है।

      इस बीच बेलारी से हिरासत में लिए गए मोहम्मद रेहान को बांका जिला मुख्यालय में रखा गया है। उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। आज अपराहन करीब 3:00 बजे एसपी स्वप्ना जी मेश्राम रेहान से पहले दौर की पूछताछ कर चुकी हैं।

      सूत्रों के मुताबिक अभी कई गंभीर बिंदुओं पर रेहान से पूछताछ की जानी है। रेहान को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। उधर रेहान को हिरासत में लिए जाने के बाद बेलारी के ग्रामीण आक्रोश में आ गए और उन्होंने प्रशासन एवं मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए।

      इससे पहले वर्ष 2008 में तत्कालीन एसपी जितेंद्र राणा के निर्देश पर हुई छापामारी में बेलारी गांव से ही मोहम्मद अल्लाह रक्खा नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। इस व्यक्ति पर गुजरात के कई शहरों को दहलाने वाले श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में संलिप्तता का आरोप था।

      तब भी बेलारी के ग्रामीणों ने हंगामा बरपाते हुए जिला मुख्यालय स्थित एसपी के आवास एवं थाने का दो दिनों तक घेराव किया था। अंततः पूछताछ के बाद अल्लाह रक्खा को छोड़ दिया गया था।

      अल्लाह रक्खा के बारे में तब जो पुलिस को सूचना मिली थी, उसके मुताबिक वह गुजरात में कहीं दर्जी का काम करते हुए गलत लोगों के संपर्क में आ गया था। वह पढ़ा लिखा था।

      गुजरात से लौटने के बाद गांव में एक मदरसे के साथ वह जुड़ा था। छापा मारकर उसे हिरासत में लेने की कार्रवाई भी तब पुलिस ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर की थी। उसके पास से कुछ संदिग्ध कागजात भी बरामद होने की बात तब कही गई थी। लेकिन उसे छोड़ जाने के बाद मामला फिर पता नहीं क्यों ठंडे बस्ते में चला गया।

         

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