“बाढ़ एसडीपीओ लिपि सिंह सीएम नीतीश के गृह जिला नालंदा निवासी सत्तारुढ़ जदयू के वरिष्ठ सांसद-नेता आरसीपी सिंह की पुत्री हैं। बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सिर्फ उन्हें छोड़कर अन्य सब एसडीपीओ के कार्यों की समीक्षा के निर्देश एक बड़ा सबाल खड़ा करता है। क्या सत्तारुढ़ राजनेताओं के अफसर बेटा-बेटियों में सुर्खाब के पंख लगे होते हैं……..?”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे की टीम पटना जिला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली से बेहद नाराज है। बाढ़ छोड़कर सभी अनुमंडलों को डीजीपी ने कड़ी फटकार लगाई है। डीजीपी ने यहां तक कह दिया था कि बाढ़ छोड़ कर कहीं भी डीएसपी फील्ड में निकलते तक नहीं है।
आईपीएस लिपि सिंह की जहां डीजीपी और उनकी टीम ने प्रशंसा की है, वहीं सभी पटना जिला के दूसरे सभी अनुमंडलों के एसडीपीओ को फटकार लगी है।
पुलिस महानिदेशक पटना जिले में खराब कानून व्यवस्था को लेकर काफी नाराज हैं। कुछ दिनों पहले एडीजी मुख्यालय ने भी एसएसपी और जिले के दूसरे पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी।
एडीजी हेडक्वार्टर की बैठक के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को साथ लेकर डीजीपी खुद एसएसपी ऑफिस पहुंच गए थे। थानेदारों तक को बैठक में बुलाया गया था।
इसी बैठक में उन्होंने कार्यप्रणाली को लेकर समीक्षा की तथा बेहद तल्ख टिप्पणियां की। सभी अनुमंडल के एसडीपीओ को फटकार भी लगाई गई। सिर्फ आईपीएस लिपि सिंह के बारे में डीजीपी और उनकी टीम की राय थी कि वह क्षेत्र में निकलती भी हैं और उनके यहां अपराध नियंत्रण में है।
बाढ़ की एएसपी लिपि सिंह का उदाहरण देते हुए डीजीपी ने यहां तक कह दिया था कि दूसरे लोग तो फील्ड में निकलते तक नहीं हैं। उनके निशाने पर एसडीपीओ रैंक के पदाधिकारी थे।
हालांकि यह दीगर बात है कि बाढ़ में अपराधिक ग्राफ में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है। यहां तक कि बीते लोकसभा चुनाव में उनकी विवादित भूमिका के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बाढ़ से हटा दिया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उन्हें पुनः बाढ़ एसडीपीओ का कार्यभार सौंप दिया गया!
पटना जिले के 10 अनुमंडल में नौ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा का आदेश डीजीपी ने दिया है। इन 9 अनुमंडल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा डीजी टीम द्वारा की जाएगी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी सीआईडी, एडीजी मुख्यालय खुद इन अनुमंडलों के कार्यों की समीक्षा करेंगे।
कुछ डीएसपी के बारे में तो डीजीपी ने अपने मुंह से यहां तक कह दिया कि डीजीपी लोग छापामारी में निकलते तक नहीं है। फतुहा डीएसपी का नाम लेकर भी कहा गया कि वे न तो क्षेत्र में रहते हैं और ना ही मातहत पुलिस पदाधिकारियों पर उनका नियंत्रण है।
दानापुर एएसपी को भी कार्यप्रणाली में सुधार लाने को कहा गया। एसएसपी कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में बाढ़ छोड़ सभी एसडीपीओ को क्राइम कंट्रोल के लिए कड़े निर्देश दिए गए।