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    Friday, March 29, 2024
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      फर्जी शिक्षकों की अब खैर नहीं, निगरानी ने यूँ कसा शिकंजा

      अब फर्जी शिक्षकों पर दोहरी मार पड़ने वाली है। एक तरफ नियोजन इकाई में घाल मेल कर शिक्षक बनने वाले के साथ अवैध डिग्री वाले शिक्षकों को भी जाना होगा…..”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। प्रधान सचिव के लताड़ के बाद हरकरत में आई शिक्षा विभाग ने नालंदा जिले के डीपीओ (स्थापना) को सख्त निर्देश दिया है कि फोल्डर जमा नहीं करने वाले नियोजन इकाई पर कार्रवाई करते हुए उन शिक्षकों को फर्जी घोषित किया जाए, जिनका फोल्डर उपलब्ध नहीं हो।

      NALANDA TEACHER SCAMEचंडी प्रखंड के आठ ऐसे पंचायत को भी निगरानी ने चिहिंत किया है, जहाँ सबसे ज्यादा गड़बड़ी की संभावना है। जिनमें सालेपुर, सिरनावां, नरसंढा, बेलछी, महकार शामिल है।

      भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था की ही देन है कि हाई कोर्ट की लगातार फटकार के बाद भी फर्जी शिक्षकों की बहार प्रखंड में देखी जा रही है। वहीं भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था भी फर्जी शिक्षकों को बचाने में लगी हुई है।

      जिसका परिणाम है कि छह साल बाद भी शिक्षकों के फोल्डर तक नहीं बनाएँ गए है। जिससे वैध शिक्षकों की भी हकमारी हो रही है। उन पर भी कहीं न कहीं तलवार लटकती दिख रही है।

      चंडी प्रखंड में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों की भरमार है जिनसे प्रखंड के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ।ऐसे शिक्षक शिक्षा का बंटाधार ही नहीं कर रहे हैं बल्कि सरकारी खजाने को भी हर महीने करोड़ों के चूना लगा रहे हैं।

      इधर निगरानी विभाग की चुस्ती के बाद नालंदा डीपीओ ने सभी प्रखंड के बीईओ से तीन दिन के अंदर शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने पर बीईओ पर ही कार्रवाई की जाएगी तथा उनका वेतन बंद कर दिया जाएगा।

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      इस निर्देश के बाद चंडी प्रखंड के वैसे नियोजन इकाई तथा फर्जी शिक्षकों की नींद हराम हो गई है जिन्होंने गड़बड़ी करते हुए फर्जी शिक्षकों की बहाली की है।

      प्रखंड के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा पंचायत में निगरानी ने गड़बड़ी पाई है। भले ही निगरानी के पास शिक्षकों की सूची या फोल्डर न पहुँची हो, लेकिन निगरानी अपने स्तर से वैसे गड़बड़ी वाले नियोजन इकाई को पहले ही चिह्नित कर रखी है। बस इंतजार है तो फोल्डर प्राप्त होने की।

      प्रखंड के महकार, सालेपुर सिरनामा, नरसंढा, बेलछी, गंगौरा, पंचायत में घपले की ज्यादा संभावना बतायी जा रही है। यहां तक कि अभी भी नियम कानून ताक पर  रखकर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।

      बीईओ स्वयं तीन दर्जन फर्जी शिक्षकों की बहाली हाल के दिनों में होने की बात स्वीकार करती हैं। लेकिन स्थानीय पत्रकारों की मानें तो संख्या अर्धशतक से ज्यादा है।

      अगर पिछले सात-आठ साल में देखे तो लगभग डेढ़ सौ शिक्षकों पर फर्जी नियोजन की गाज गिर सकती है। जिनमें कई राजनीतिक दलों के सफेदपोश के साथ प्रखंड संसाधन केन्द्र में कार्यरत कई लोगों के सगे सबंधी भी शामिल बताए जाते हैं।

      अगर निगरानी विभाग ने ईमानदारी से फर्जी शिक्षकों के नियोजन को खंगाल लेती है तो प्रखंड में ऐसे लोगों के सगे सबंधी बेनकाब हो जाएंगे।

      इधर शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने अवैध डिग्री वाले शिक्षकों को तीन महीने में हटाने का फरमान जारी कर दिया है। चंडी प्रखंड में देवघर विधापीठ, जोकिया तथा अराजकीय सोगरा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के साथ कई अन्य फर्जी डिग्री धारी शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। वही प्रखंड में फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर भी शिक्षकों की बहाली का गोरखधंधा खूब चला है।

      अब देखना है कि निगरानी की चाबुक के बाद हरकत में आए डीपीओ के फरमान आदेश  को प्रखंडों में तैनात बीईओ कितना पालन करती है। या हर बार की तरह फर्जी शिक्षकों पर आई सुनामी इस बार भी आकर शांति से चली जाएगी?

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