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    Thursday, April 18, 2024
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      पुलिस-प्रशासन की निगरानी में पलामु के हैदरनगर में लगा भूतों का मेला !

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। एक तरफ लोगों में अंधविश्वास के प्रति जागरूक्ता फैलाने की दिशा में सरकार लाखों रूपये खर्च करती है, वहीं झारखंड राज्य के पलामू जिला अवस्थित हैदरनगर में पुलिस-प्रशासन की निगरानी में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भूतों का मेला मेला शुरु हो गया है।

      PALAMU BHOOT MELA 1 PALAMU BHOOT MELA 1 PALAMU BHOOT MELA 2 PALAMU BHOOT MELA 3झारखंड के पलामू जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र छत्तरपुर अनुमंडल के नौडीहा बाजार प्रखंड अंतर्गत करकट्टा पंचायत स्थित झरीवा नदी के तट पर अजीब नजारा देखने को मिल रहा है।

      यहां कुछ लोगों ने भूत मेला नाम से एक बड़ा आयोजन किया है। आयोजकों का दावा है कि यहां आने वाले लोगों को भूत-प्रेत के चंगुल से निजात दिलाई जाती है।

      आयोजकों ने भूत मेला का इस ढंग से बढ़ा-चढ़ा कर प्रचार-प्रसार किया है कि हर दिन यहां करीब 20 हजार लोग पहुंच रहे हैं।

      आयोजकों ने मेलास्थल पर चुनरी, अगरबत्ती, नारियल, इलायची दाना, धूप आदि पूजन सामग्री की दुकान भी लगा रखी है, जहां लोगों का जमकर भयादोहन हो रहा है।

      इस जगह पर साल में दो बार चैती नवरात्री एवं शारदीय नवरात्र के एकम से पूर्णिमा तक बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। 

      इस जगह पर जयादातर उन्ही लोगो की भीड़ होती है जिसपर भूतो का साया होता है। यहां छत्तरपुर, नौडीहा बाजार, हुसैनाबाद, हरिहरगंज और सीमावर्ती बिहार के कुछ इलाकों से भी लोग पहुंच रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक देखी जा रही है।

      स्थानीय लोगों के अनुसार इस मेले में जाने वाले लोगों को झरीवा नदी में नहलाया जाता है। आयोजकों का दावा है कि तंत्र और मंत्र से नदी के पानी को इस कदर प्रभावित किया गया है कि इसमें नहाने से भूत-प्रेत के चंगुल में फंसे लोग झुपने लगते हैं।

      इसके बाद पीड़ित व्यक्ति को पांच दिनों तक ओझा-गुणी के साथ आस-पास बनी कुटिया में रहना पड़ता है।

      अंंधविश्वासियों का मानना है कि यहाँ भूतो प्रेतों से छुटकारा मिलना और भी आसान  हो जाता है। इस भुत मेले  में दूर दूर से आकर बहुत से लोग ओझा . गुनी एवं डायन की सिद्धि भी प्राप्त करते है।

      नवरात्री के समय यहाँ पर भीड़ इतनी काफी हो जाती है की लोग साड़ियो एवं चादरों से तम्बू बनाकर रहते है। 

      इन जगहों पर रहने वाले लोगो का कहना है की जब रात होती है तब इसके आस पास के इलाको में भूतो के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ती है । इस स्थान पर लोग डर से रहना पसंद नही करते है ।

      इस जगह पर वही लोग निवास करते है, जो शुरु से ही इस जगह पर रहते आ रहे है ।

      इस मंदिर  परिसर में एक अग्नि कुंड स्थापित है । जिन लोगो पर भूत प्रेत का छाया रहता है वो नाचने एवं झुमने लगता है ।

      इस स्थान पर  लोगों के शरीर में छिपी आत्मा अनेक प्रकार के करतब दिखाने लगती है। जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है।  

      आज के इस बैज्ञानिक युग में भी लोगो का इस तरह का आस्था और अंधविश्वाश का खेल देखने को मिल रहा है । जहाँ लोग दवा न कराकर अंधविश्वास के मकड़जाल में फसकर जिंदगी की तलाश में मौत को गले लगा रहे हैं।

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