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    Saturday, April 20, 2024
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      नहीं रहे डॉ. जगन्नाथ मिश्रा????

      अपनी राजनीतिक पकड़ की वजह से वो तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पहली बार यह जिम्मेदारी वर्ष 1975 में संभाली, दूसरी बार वो 1980 में राज्य के मुख्यमंत्री बने। आखिरी बार वह 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे…………”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका दिल्ली में ही इलाज चल रहा था। वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनके निधन की खबर से पूरे बिहार में शोक की लहर व्याप्त है।

      वह 90 के दशक के मध्य में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने राजनीति से पहले अपने करियर की शुरुआत लेक्चरर के तौर पर की थी। बाद में उन्होंने बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दी।

      इस दौरान उन्होंने 40 के करीब रिसर्च पेपर लिखे। जगन्नाथ मिश्रा का शुरू से ही राजनीति से लगाव रहा था। वो 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। डॉ. मिश्र का नाम कांग्रेस के बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता था। उन्हें मिथिलांचल के सबसे कद्दावार नेता माना जाता था।

      jagannath mishra 1

      डॉ जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। श्री मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। डॉ० मिश्र तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी, क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और रेल मंत्री थे। डॉ जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। डॉ मिश्र 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। बिहार में डॉ मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता था । कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अब जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य हैं। 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें दोषी ठहराया। उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

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