अन्य
    Thursday, April 25, 2024
    अन्य

      दो दिन में ही कमिश्नर के आदेश को जमशेदपुर जिला प्रशासन ने दिखाया यूं ठेंगा

      जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बीते शुक्रवार को सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना अंतर्गत एस टाईप फुटबॉल मैदान में टुसू मेला का आयोजन किया गया था, जिसमें अश्लील और फूहड़ गानों पर कोलकाता की बालाओं ने जमकर अश्लील डांस किया था।

      जहां आदिवासी परंपरा और मर्यादा को ताक पर रखकर अश्लील नृत्य प्रस्तुत किया गया वही मीडिया में खबर आने के बाद मामले पर कोल्हान कमिश्नर ने स्वतः संज्ञान लिया और आयोजकों पर कार्रवाई करने संबंधी चिट्ठी भी जारी कर दी।

      tusu ashlil 1इतना ही नहीं आयुक्त ने तीनों जिला जमशेदपुर, सरायकेला और चाईबासा के उपायुक्त, एसएसपी और एसपी को ऐसे आयोजनों पर अंकुश लगाने का फरमान भी जारी किया।

      और तो और कमिश्नर ने मीडिया पर भी ऐसे कवरेज करने से रोक लगाने संबंधी फरमान जारी कर दिया। फिर क्या था, लगे हाथ जमशेदपुर एवं चाईबासा जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से फरमान जारी कर दिया गया।

      लेकिन अभी 2 दिन ही बीते हैं, कि कोल्हान की हृदय स्थली माने जाने वाली लौहनगरी नगरी जमशेदपुर के दिल के बीचो-बीच यानि बिष्टुपुर थाना अंतर्गत गोपाल मैदान में एक बार फिर से आदिवासी परंपरा तार- तार होती नजर आई।

      जहां कोल्हान के कई कद्दावर नेताओं की मौजूदगी में एक बार फिर से अश्लीलता और फूहड़ता का वह नजारा पेश किया गया जिसे देख कर हर कोई यही कहते सुना गया, कि अब क्या जमशेदपुर जिला प्रशासन आयोजकों पर कार्रवाई करेगी ?tusu ashlil 11

      हालांकि कमिश्नर के आदेश के बाद सरायकेला प्रशासन ने मेला आयोजकों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू भी कर दिया है, ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कमिश्नर के आदेश पर जमशेदपुर जिला प्रशासन क्या यथोचित कार्रवाई करती है ?

      इस टुसू मेले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, ईचागढ़ विधायक साधु चरण महतो, भाजपा नेता गणेश महाली, जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी मीरा मुंडा समेत भाजपा एवं दूसरे दलों के नेताओं ने शिरकत की।

      वैसे झारखंडी परंपरा अब धीरे-धीरे ऐसे आयोजनों से विलुप्त होती जा रही है। झारखंडी मिट्टी की मिठास में अब धीरे-धीरे पाश्चात्य का जहर घुलता जा रहा है। और अब वह दिन दूर नहीं, जब  झारखंडी परंपरा एक इतिहास बनकर रह जाएगा।

      ऐसे में महान झारखंडी परंपरा की बात करने वाले राजनेताओं और समाज के रहनुमाओं का क्या होगा, जो हर बात में परंपरा की बात कर कर मामले को राजनीतिक तूल देते हैं, और भोले भाले आदिवासियों को उसका मोहरा बनाते हैंjamshedpur dpro 4

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!