अन्य
    Wednesday, April 24, 2024
    अन्य

      जानिए यह है ‘गंबूसिया उर्फ गटर गप्पी’, इसे चाहिए ऐसा जीवन-पानी

      मछली खाने के अनेकों फायदे हैं। संभवतया आपने सुने भी होंगे। मछली एक ऐसा भोजन हैं, जो हमारे शरीर में फैलने वाली कई खतरनाक बीमारियों से हमें रक्षित करता हैं। हालांकि गंबूसिया मछली के माध्यम से गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों को ख़त्म करना आसान नहीं हैं, क्योंकि वे साफ़ जगहों पर रहना पसंद करते हैं………….”

      gambusia fish 1एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। ‘गंबूसिया’ उर्फ ‘गटर गप्पी’। इसे एक ऐसी मछली मानी जाती है, जिससे मच्छर खौफ खाते हैं। यह पानी में उत्पन्न होने वाले हर मच्छर के लार्वा को खा जाती है।

      गंबूसिया की सबसे बड़ी खासियत है कि वह पानी में पैदा होने वाले हर मच्चर के लार्वा को खा जाती हैं। इस वजह से मलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया के मच्छर पैदा होते जी मर जाते हैं या बेचारे पैदा ही नहीं हो पाते।

      भारत सरकार भी डेंगू और चिकुनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए गंबूसिया मछली की सहायता ले रही हैं। इस मछली को हर उस जगह पर छोड़ा जा रहा हैं, जहां मच्छर पैदा हो सकते हैं। यह एक जैवीय तरीका हैं।

      गंबूसिया मछली साफ पानी में रहती है। जल की ऊपरी सतह पर रहने वाली गंबूसिया मछली वहां मौजूद सभी मच्छर के लार्वा को खा जाती हैं। डेंगू और चिकुनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों को पैदा करने वाले ये मच्छर पानी की ऊपरी सतह पर ही पाए जाते हैं।

      गंबूसिया मछली प्रतिदिन आराम से 100 से 300 लार्वा तक खा सकती है। इस मछली का आकार 4.5सेमी से 6.8 सेमी तक होता हैं।gambusia fish 2

      गंबूसिया मछली का जीवनकाल लगभग पांच साल का होता हैं। इस तरीके से वह अपने पुरे जीवनकाल में करीब लाखों लार्वा का खात्मा कर देती है।

      हालांकि गंबूसिया मछली के माध्यम से डेंगू के मच्छरों को ख़त्म करना आसान नहीं हैं, क्योंकि वह साफ़ जगहों पर रहना पसंद करता हैं।

      मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण करने के लिए मलेरिया विभाग लार्वा खाने वाली गम्बूसिया मछलियों का सहारा लेती रही है।

      गंबूसिया मछली की निम्न खासियत मानी जाती है…..

      • -स्थानीय भाषा में इसे गटर गप्पी कहते हैं। इस मछली को लोग कहीं भी किसी भी प्रकार के तालाब, गड्ढे, नाली या गटर में डाल सकते हैं, जो मच्‍छर के लार्वा को खा जाएगी।
      • – इस मछली का मुख्य भोजन मच्छरों का लार्वा है।
      • gambusia fish3-इस मछली की सबसे खास बात ये है कि यह अंडे नहीं देती, बल्कि बच्चे देती है। ये मछली तीन इंच तक लंबी होती है।
      • -इस मछली के बच्‍चे दो एमएम होते हीं  मच्छरों के लार्वा को खाने लगते हैं।
      • -गप्पी मछली 16 से 28 दिनों के अंतराल पर बच्चे देती है। और 14 डिग्री सेल्सियस से 38 डिग्री तक बहुत ही आराम से रह जाती है।

      • -गप्पी का बच्चा हो या बड़ी मछली ये अपने कुल भार का 40 फीसदी लार्वा 12 घंटे में खा सकती है।
      • -इस मछली की पहचान ब्रिटिश नाविक जेम्स कुक ने की थी। कुक का जन्म 7 नवंबर 1728 को इग्लैंड के एक गांव में हुआ था।
      • कुक युवा काल में रॉयल ब्रिटिश नेवी में नौकरी की। यात्रा और भौगोलिक परिस्थियों के कारण अधि‍कतर जगहों पर मच्छरों का प्रकोप रहता था। इस समस्या का हल कुक ने गप्पी मछली से किया।   
      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!