“हालांकि, नेताओं के भरोसे पीड़ितों का आंदोलन कितना रंग लाता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अब तक का इतिहास गवाह रहा है कि जब-जब नेता किसी आंदोलन में शामिल हुए हैं, लाभ उनका ही हुआ है…..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (संतोष कुमार)। सरायकेला खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बीरबांस गांव के भोले-भाले ग्रामीणों से इनफिनिटी इंडस्ट्रियल पार्क नाम का फर्जी कंपनी बनाकर जमीन ठगने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है।
गौरतलब है कि सबसे पहले इस फर्जीवाड़े का खुलासा एक्सपर्ट मीडिया ने किया था और भोले- भाले ग्रामीणों के दर्द से लोगों को रूबरू कराया था।
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की कोई कारवाई तो नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय विधायक दशरथ गागराई सूचना के बाद प्रभावित गांव पहुंचे। जहां ग्रामीणों से मिलकर उनका दर्द जाना।
ग्रामीणों का दर्द सुन विधायक आश्चर्यचकित हो गए। जब विधायक ने ये जाना कि मोमेंटम झारखंड के नाम पर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा इंफिनिटी इंडस्ट्रियल पार्क नाम की फर्जी कंपनी ने की है, तो विधायक दंग रह गए।
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि वे उनकी लड़ाई में उन्हें पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने ग्रामीणों की मांग विधानसभा में उठाने और उच्च स्तरीय जांच कमेटी से मामले की जांच सरकार से कराने की बात कही।
गौरतलब है कि उक्त फर्जी कंपनी द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों से कंपनी में नौकरी और मुआवजा देने का झूठा वायदा किया था। वैसे उक्त फर्जी कंपनी ने मुआवजा तो दिया लेकिन नौकरी के नाम पर ठेंगा दिखा दिया।
इधर फर्जी कम्पनी ने ब्रिक्स इंडिया, मल्टीटेक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड, श्याम इंडस्ट्रीज, श्री उन्नत इंडस्ट्री आदि को जमीन बेच दिया। इतना ही नहीं इन कंपनियों के निर्माण कार्य में आउट सोर्स के जरिए बाहरी मजदूरों से काम लिया गया।
ग्रामीणों को पुलिस का भय दिखाकर आसपास फटकने भी नहीं दिया गया। वैसे ये सब खेल स्थानीय छूटभैये नेताओं को भरोसे में लेकर किया गया।
हद तो ये है कि इन ग्रामीणों का रास्ता भी रोक दिया गया। जिससे ग्रामीणों को 3 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर आवागमन करना पड़ रहा है।
वहीं ब्रिक्स इंडिया कंपनी बनकर कर तैयार है जहां प्रोडक्शन ट्रायल शुरू हो चुका है, जहां ग्रामीण काम मांगने जाते हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि, सारा काम कुशल और दक्ष मजदूरों से लिया जाएगा। साथ ही जिन्हें जमीन दी है, उन्हीं से नौकरी मांगने को कहा जाता है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये ग्रामीण करें तो क्या करें! पुलिस के पास जाते हैं तो जेल भेजने की धमकी, प्रशासन के पास जाते हैं तो जांच के नाम पर फाइल इस टेबल से उस टेबल..!
वैसे फिलहाल ग्रामीण विधायक दशरथ गागराई की कश्ती पर सवार तो हो गए हैं लेकिन उन्हें सावधान रहना होगा। क्योंकि आज खरसांवा विधानसभा क्षेत्र में अरबों की लागत से बना अभिजीत ग्रुप दम तोड़ चुका है, जहां ग्रामीणों का जमीन भी गया और पैसा भी। कम्पनी का विरोध विधायक और उनकी पार्टी JMM ने ही किया था।