“बिहार के सीएम नीतीश कुमार के राज में उनके गृह जिले नालंदा में सुशासन के साथ बुनियादि सुविधाओं का कितना विकास हुआ है या कितनी दुर्गति हुई है, इसका आंकलन आए दिन शर्मसार कर देने वाली घटनाओं से होती रहती है। इधर फिर एक बार………..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (धर्मेंन्द्र कुमार)। नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के कर्मियों की संवेदनहीनता की हद तब देखने को मिली, जब एक बालक के शव को एम्बुलेंस नहीं उपलब्ध कराए जाने के कारण उसके परिजन को बाइक से ले जाने को विवश होना पड़ा।
दरअसल मामला हिलसा थाना क्षेत्र के मदार चक गांव से जुड़ा है। अरविंद मिस्त्री की 14 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार पिछले दस दिन से बुखार से पीड़ित था। उसके ईलाज के क्रम में परिजन पहले हिलसा के दो अगलअलग डॉक्टर के चक्कर में पड़ गए।
किसी डॉक्टर ने मियादी तो किसी ने टीवी रोग कहकर पैसे वसूलते रहे।
जब बुधवार को उसकी हालत बिगड़ गयी तो निजी डॉक्टरों ने सरकारी अस्पताल में ले जाने को कहा।
जब बालक को हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में लाया तो वहां इलाज के कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मरीज की मौत के बाद परिजनों में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया।
इसके बाद बालक के शव को घर ले जाने के लिए परिजनों के लाख गिड़गिड़ाने के बाबजूद अस्पताल के कर्मियों ने एम्बुलेंस की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई। अंततः परिजन मोटरसाइकिल से ही शव को ले जाने पर मजबूर हो गए।